Anju Dixit

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माँ शारदे को नमन है


शीर्षक,  "माँ शारदे को नमन है"

अद्भुत छटा है छाई,
माँ शारदे हुई प्रकट,
वसन्त ऋतु है आई।
नव पल्लव हुए पल्लवित,
धरा निखर आई।

हर तरफ मधुकर कर रहे गूँजन,
कानो को लुभाए कोयल का वचन,
स्वर्णिम सी आभा खेतो में लहराई।

मन को भा रहा है सुन्दर वातावरण,
ठंडी ब्यार तन मन को करती सुखद,
वर्णन करना मुश्किल क्या गजब आभा छाई।

मां शारदे ओ वीणा वादिनी,
कमलाआसना  ओ वीणापाणनि,
जन जन के मन मे भर दो ज्ञान की अंगड़ाई।

मां शारदे तुम्हें ह्रदय से नमन है,
तेरी ही दया से हुए सब प्रबुद्ध जन है।
हमें भी आशीष देकर वो ख्याति दो जो सभी को दिलाई।

अन्जू दीक्षित,

बदायूँ,

उत्तर प्रदेश।



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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Feb-2022 06:22 PM

बहुत खूबसूरत

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Sudhanshu pabdey

06-Feb-2022 09:57 AM

Very nice 👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

06-Feb-2022 01:12 AM

Nice

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